जनाब, आपको कार्टून तो कायल करने वाले हैं, पत्रकारिता का पेशा (?) करने से पहले मैं भी बैठे-ठाले कार्टून बनाया करता था। ऐं-वईं। अब वक्त नहीं मिलता। लेकिन मन के विचार आपकी कूची से निकलचा देखकर संतुष्ट हूं। साधुवाद। हां, अपने दूषित विचारों की कै अपने ब्लाग पर करता रहता हूं। कभी पधारें- गुस्ताख़
10 comments:
संसद के पास कोई मूंगफली वाले का ठेला भी हो तो वाक-आउट/धूप/मूंगफली का ट्रिपल मजा मिले!
जनाब, आपको कार्टून तो कायल करने वाले हैं, पत्रकारिता का पेशा (?) करने से पहले मैं भी बैठे-ठाले कार्टून बनाया करता था। ऐं-वईं। अब वक्त नहीं मिलता। लेकिन मन के विचार आपकी कूची से निकलचा देखकर संतुष्ट हूं। साधुवाद। हां, अपने दूषित विचारों की कै अपने ब्लाग पर करता रहता हूं। कभी पधारें- गुस्ताख़
बहुत खूब...
वैसे धूप में भी मुद्दे गरम रहेंगे....
:)
करारी चोट! वाह! वाह!
भई वाह वाह।
वर्ष भर संसद मे हंगामा करते रहते है यदि ठंड मे धूप सेकने के liye वाक आउट किया अच्छा ही किया .भला संसद मे बैठना कौन चाहता है वाह वाह ।
ग्रेट यार… मजा आगया।
Wah Kya baat hai
Ye ekdum se satik hai
Post a Comment