जब से प्रणब दादा ने बातों ही बातों में रामदेब बाबा से हवाई-स्वागत के समय स्वीकारोक्ति में अकूत काले धन को कोंग्रेस की आत्मा माना है तब से ही महिला मुखिया ने चप्पल खाऊ चिदम्बरम को नया काम सौंप दिया था. लेकिन उन्होंने वो काम भी ठीक से नहीं किया. हसन-अली की टॉयलेट स्लीपर जब से सोनिया जी के घर पर मिली हैं... तब से ही सरकार को इस बात के सार्वजनिक करने का शक दादा पर हो गया और बहुत समय से खाली बैठे जासूसी विभाग को काम दिया गया...(दूर की कौड़ी)
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ध्येय मात्र माननीय मंत्रीजी को नीचा दिखाना था शायद।
जब से प्रणब दादा ने
बातों ही बातों में
रामदेब बाबा से
हवाई-स्वागत के समय
स्वीकारोक्ति में
अकूत काले धन को
कोंग्रेस की आत्मा माना है
तब से ही महिला मुखिया ने
चप्पल खाऊ चिदम्बरम को नया काम सौंप दिया था.
लेकिन उन्होंने वो काम भी ठीक से नहीं किया.
हसन-अली की टॉयलेट स्लीपर
जब से सोनिया जी के घर पर मिली हैं...
तब से ही सरकार को
इस बात के सार्वजनिक करने का शक
दादा पर हो गया और
बहुत समय से खाली बैठे जासूसी विभाग को काम दिया गया...(दूर की कौड़ी)
क्या मिला?
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