अफसर और विधायक पकडे, नक्सल अब ना कमता ।केंद्र कबीना पल्ला झाडे , नहीं मामला जमता ।निर्णय में अफसर ना झिझको ।मेरी क्या ? तुम छोडो मुझको । माँ से अच्छी ममता माया, मैं जोगी ना रमता ।
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अफसर और विधायक पकडे, नक्सल अब ना कमता ।
केंद्र कबीना पल्ला झाडे , नहीं मामला जमता ।
निर्णय में अफसर ना झिझको ।
मेरी क्या ? तुम छोडो मुझको ।
माँ से अच्छी ममता माया, मैं जोगी ना रमता ।
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