लगा तेल नवरत्न का, मोहन बोले आज ।सिरदर्दी कम न हुई, सर सर सर आवाज ।सर सर सर आवाज, दर्द मीडिया बढाए ।नवरत्नों पर गाज, भूल से हमीं गिराए ।जनता भोरी मस्त, त्रस्त न हमको करती ।डरते सारे लोग, मीडिया किन्तु अकड़ती ।।
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लगा तेल नवरत्न का, मोहन बोले आज ।
सिरदर्दी कम न हुई, सर सर सर आवाज ।
सर सर सर आवाज, दर्द मीडिया बढाए ।
नवरत्नों पर गाज, भूल से हमीं गिराए ।
जनता भोरी मस्त, त्रस्त न हमको करती ।
डरते सारे लोग, मीडिया किन्तु अकड़ती ।।
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