दाने खा लो अंकुरित, पी लो सत्तू घोल । पाव पाइए प्रेम से, ब्रेड पैकेट लो मोल । ब्रेड पैकेट लो मोल, लंच में माड़-भात खा । काटो मस्त सलाद, शाम को मूढ़ी चक्खा । चाय बना इक बार, डालिए हॉट पॉट में । फास्ट फूड दो मिनट, पकाओ एक लाट में ।।
आशा है मेहमान की, होना नहीं निराश । खिला बताशा दे पिला, पानी बेहद ख़ास । पानी बेहद ख़ास, पार्टी उससे मांगो । करिए ढाबा विजिट, शाम को बाहर भागो । ख़तम होय न गैस, गैस काया में पालो । न तलना ना भून, सदा हर चीज उबालो ।।
2 comments:
दाने खा लो अंकुरित, पी लो सत्तू घोल ।
पाव पाइए प्रेम से, ब्रेड पैकेट लो मोल ।
ब्रेड पैकेट लो मोल, लंच में माड़-भात खा ।
काटो मस्त सलाद, शाम को मूढ़ी चक्खा ।
चाय बना इक बार, डालिए हॉट पॉट में ।
फास्ट फूड दो मिनट, पकाओ एक लाट में ।।
आशा है मेहमान की, होना नहीं निराश ।
खिला बताशा दे पिला, पानी बेहद ख़ास ।
पानी बेहद ख़ास, पार्टी उससे मांगो ।
करिए ढाबा विजिट, शाम को बाहर भागो ।
ख़तम होय न गैस, गैस काया में पालो ।
न तलना ना भून, सदा हर चीज उबालो ।।
सच ही था, बहुत पके जा रहे थे।
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