लौह कील तलुवे घुसी, सन अस्सी की बात ।चीखा चिल्लाया बहुत, सच में पूरी रात ।सच में पूरी रात, सुबह टेटनेस का टीका ।डाक्टर दिया लगाय, किन्तु अटपटा सलीका ।नया दर्द यह घोर, पुराना दर्द भुलाता ।वाह वाह कोयला, तुम्हारी महिमा गाता ।।
कितना कुछ याद रखा जा पायेगा।
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लौह कील तलुवे घुसी, सन अस्सी की बात ।
चीखा चिल्लाया बहुत, सच में पूरी रात ।
सच में पूरी रात, सुबह टेटनेस का टीका ।
डाक्टर दिया लगाय, किन्तु अटपटा सलीका ।
नया दर्द यह घोर, पुराना दर्द भुलाता ।
वाह वाह कोयला, तुम्हारी महिमा गाता ।।
कितना कुछ याद रखा जा पायेगा।
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