साफ़ सफाई में लगा सारा कुनबा मित्र |बेगम बागम खींचती, ढेर पुराने चित्र |ढेर पुराने चित्र , ऊंट अब आया नीचे |वो पहाड़ सा ठाड़, डालता यहाँ किरीचें |नजरों में सैफई, मुलायम सहित खुदाई |मोहन इसको रोक, करे जो साफ़ सफाई || |
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साफ़ सफाई में लगा सारा कुनबा मित्र |
बेगम बागम खींचती, ढेर पुराने चित्र |
ढेर पुराने चित्र , ऊंट अब आया नीचे |
वो पहाड़ सा ठाड़, डालता यहाँ किरीचें |
नजरों में सैफई, मुलायम सहित खुदाई |
मोहन इसको रोक, करे जो साफ़ सफाई || |
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