कार्टून आपके व्यंग्य के पैनेपन की मिसाल है और आपके कार्टून संग्रहणीय होते हैं। इत्तिफाकन इसी विषय पर आज मेरी रचना हिन्द युग्म पर भी है देखियेगा: http://merekavimitra.blogspot.com/2008/05/blog-post_9577.html
लाजवाब, भाई साहब आपके ब्लाग को देखकर मैं अपने मित्र त्र्यंबक शर्मा जी से आग्रह करते रहा हूं कि वे भी हिन्दी ब्लाग जगत में आयें और आपके साथ कार्टून ब्लागों को समृद्ध करें ।
5 comments:
चलिए एक जगह तो फेमस हुए।
कीर्तिश जी,
कार्टून आपके व्यंग्य के पैनेपन की मिसाल है और आपके कार्टून संग्रहणीय होते हैं। इत्तिफाकन इसी विषय पर आज मेरी रचना हिन्द युग्म पर भी है देखियेगा: http://merekavimitra.blogspot.com/2008/05/blog-post_9577.html
***राजीव रंजन प्रसाद
लाजवाब, भाई साहब आपके ब्लाग को देखकर मैं अपने मित्र त्र्यंबक शर्मा जी से आग्रह करते रहा हूं कि वे भी हिन्दी ब्लाग जगत में आयें और आपके साथ कार्टून ब्लागों को समृद्ध करें ।
आरंभ
क्या कण्ट्रास्ट है! भुखमरी और उसका कारण दोनो साथ बैठे हैँ कार्टून में!
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