अच्छा है, इसमें मजा है, ऐसे ही हर बार चुने जाते हैं, यही हमारी सजा है।
खानदानी धंधा है... संपोले < सौंप < अजगर दंश < विष < निगलना
इतना और जोड़ दें, महिला उम्मिदवार चाहिए तो मेरी पत्नी भी है. :)
देश का भविष्य चाहिये तो मेरे पोते का होने वाला बेटा चलेगा!
बहुत बढिया कमेंट..
बहुत खूब! बाबा नागार्जुन के शब्दों में - "गद्दी पर आजन्म वज्रासन"
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6 comments:
अच्छा है, इसमें मजा है, ऐसे ही हर बार चुने जाते हैं, यही हमारी सजा है।
खानदानी धंधा है...
संपोले < सौंप < अजगर
दंश < विष < निगलना
इतना और जोड़ दें, महिला उम्मिदवार चाहिए तो मेरी पत्नी भी है. :)
देश का भविष्य चाहिये तो मेरे पोते का होने वाला बेटा चलेगा!
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