टिप्पणी दूँ कि न दूँ अमेरिका से एक बार पूछ आता हूँ...
सही पकड़ा !
अमेरिका कहां जा रहे हैं संजय भाई। यहीं बगल के मुल्क पाकिस्तान में ब्रांच ऑफिस खोल रखा है अमेरिकियों ने। कार्टून अच्छे लगे!
अजी! क्या नजर है........
शुक्र है. टिप्पणी देने के लिए अमेरिका जाने की ज़रूरत नहीं है.बहुत शानदार!
" ha ha ha ha happy journey sir jiiiiiiii"regards
हम वापस आ गये है . अब तो सुबह ही जायेगे पोट्टी के लिये :)
एक लघु सी शंका है कि दीर्घ शंका यानी दिशा मैदान के लिये क्या पश्चिम की दिशा में ही जाते हैं ? पूर्व में क्यों नहीं? कार्टून मन को भाये ,भैया जी.
अरविन्द जी को बताना चाहूँगा कि हमारी भूमि तो पहले से ही उर्वरा है... ससुरी खाद की जरूरत तो पच्छिम के सूअरों को ही है.
यहीं बोतल में करके भेज दो अमेरीका वाया पाकिस्तान!!
Bole to ekdum mast
अब पता चला कि पंगेबाज जी को सुबह से फोन क्यों नहीं लग रहा था!
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12 comments:
टिप्पणी दूँ कि न दूँ अमेरिका से एक बार पूछ आता हूँ...
सही पकड़ा !
अमेरिका कहां जा रहे हैं संजय भाई। यहीं बगल के मुल्क पाकिस्तान में ब्रांच ऑफिस खोल रखा है अमेरिकियों ने।
कार्टून अच्छे लगे!
अजी! क्या नजर है........
शुक्र है. टिप्पणी देने के लिए अमेरिका जाने की ज़रूरत नहीं है.
बहुत शानदार!
" ha ha ha ha happy journey sir jiiiiiiii"
regards
हम वापस आ गये है . अब तो सुबह ही जायेगे पोट्टी के लिये :)
एक लघु सी शंका है कि दीर्घ शंका यानी दिशा मैदान के लिये क्या पश्चिम की दिशा में ही जाते हैं ? पूर्व में क्यों नहीं?
कार्टून मन को भाये ,भैया जी.
अरविन्द जी को बताना चाहूँगा कि हमारी भूमि तो पहले से ही उर्वरा है... ससुरी खाद की जरूरत तो पच्छिम के सूअरों को ही है.
यहीं बोतल में करके भेज दो अमेरीका वाया पाकिस्तान!!
Bole to ekdum mast
अब पता चला कि पंगेबाज जी को सुबह से फोन क्यों नहीं लग रहा था!
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