बहुत मजेदार कार्टून हैं. इन बूढों को कोई देश की सेवा करने से नहीं रोक सकता. उपराष्ट्रपति बनने के बाद भी भेरों की कुर्सी की लालसा मिटी नहीं. और चिदम्बरम जानबूझ कर ख़ुद को मुसीबत में डाल रहे हैं, कहीं अमर, मुलायम, लालू, पासवान उन्हें कम्युनल न करार दे दें.
जब तक इनका एक पैर कब्र से बाहर है... तब तक ये बुजुर्गवार देश को अंदर धकेलने का काम बदस्तूर जारी रखेंगे... वैसे आपके कार्टून धमाकेदार हैं पर ये रावण छोटे पटाखों से धराशायी होने वाले नहीं हैं...
6 comments:
बहुत मजेदार कार्टून हैं.
इन बूढों को कोई देश की सेवा करने से नहीं रोक सकता. उपराष्ट्रपति बनने के बाद भी भेरों की कुर्सी की लालसा मिटी नहीं.
और चिदम्बरम जानबूझ कर ख़ुद को मुसीबत में डाल रहे हैं, कहीं अमर, मुलायम, लालू, पासवान उन्हें कम्युनल न करार दे दें.
हमें भी युवा होने का बेसब्री से इन्तजार है। :D
घुघूती बासूती
ओह हम तो खामखाँ ही डर रहे थे की अब तो बुडापा आ रहा है हा हा हा हा हा
regards
ऐसा चलता रहा तो नेता अपना ममी बनवाने लगेंगे। क्या पता मृत्योपरांत प्रधानमंत्री बन जायें!
आडवाणीजी कहे युवाओं को मौका मिले, मैं भैरोंसिंहजी से ज्यादा युवा हूँ :)
मस्त कार्टून है जी...
जब तक इनका एक पैर कब्र से बाहर है... तब तक ये बुजुर्गवार देश को अंदर धकेलने का काम बदस्तूर जारी रखेंगे... वैसे आपके कार्टून धमाकेदार हैं पर ये रावण छोटे पटाखों से धराशायी होने वाले नहीं हैं...
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