तो ये बात है. तभी कहूं साल भर से कोई बड़ा धमाका क्यूं नहीं हुआ. बेचारे टेरॉरिस्ट्स. मंहगाई ने इनको भी नहीं छोड़ा.अगली बार शायद कोई आतंकवादी अपने आकाओं को फ़ोन पर कहेगा - ये लोग तो पहले ही से मंहगाई से मरे धरे हैं, इनके लिये असह्ला क्यूं ज़ाया करना?
महंगाई का एक फायदा तो हुआ. रोज रोज होने वाले धमाके बन्द हो गए. राज आज पता चला :)
सुपर्ब...
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3 comments:
तो ये बात है. तभी कहूं साल भर से कोई बड़ा धमाका क्यूं नहीं हुआ. बेचारे टेरॉरिस्ट्स. मंहगाई ने इनको भी नहीं छोड़ा.
अगली बार शायद कोई आतंकवादी अपने आकाओं को फ़ोन पर कहेगा - ये लोग तो पहले ही से मंहगाई से मरे धरे हैं, इनके लिये असह्ला क्यूं ज़ाया करना?
महंगाई का एक फायदा तो हुआ. रोज रोज होने वाले धमाके बन्द हो गए. राज आज पता चला :)
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