खुला खुला भारत खुला, धुला धुला पथ पाय |ईस्ट-वेस्ट इण्डिया में, सब का मन हरसाय |सब का मन हरसाय, आय के चाय पिलाओ |डबल-रोटियां खाय, हुकूमत के गुण गाओ |बंद हमेशा बंद, कंद के पड़ते लाले |गोरे लाले मस्त, रो रहे लाले काले ||
एक तरफ से बन्द, दूसरी तरफ से खुला..
ऍफ़ डी आई है जो छाई है ,ऍफ़ डी आई है , बडकी बेटी, बिन ब्याही है , भरोसा टूटा है सरकार का ,स्थाई है , कल भी आज भी ,सिर्फ मंहगाई है , अब शर्म नहीं ,कोयलाई है , लाज कैसी ये कमाई है . तोता भाई -वीरू भाई
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खुला खुला भारत खुला, धुला धुला पथ पाय |
ईस्ट-वेस्ट इण्डिया में, सब का मन हरसाय |
सब का मन हरसाय, आय के चाय पिलाओ |
डबल-रोटियां खाय, हुकूमत के गुण गाओ |
बंद हमेशा बंद, कंद के पड़ते लाले |
गोरे लाले मस्त, रो रहे लाले काले ||
एक तरफ से बन्द, दूसरी तरफ से खुला..
ऍफ़ डी आई है
जो छाई है ,ऍफ़ डी आई है ,
बडकी बेटी, बिन ब्याही है ,
भरोसा टूटा है सरकार का ,स्थाई है ,
कल भी आज भी ,सिर्फ मंहगाई है ,
अब शर्म नहीं ,कोयलाई है ,
लाज कैसी ये कमाई है .
तोता भाई -वीरू भाई
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