शीश घुटाले प्यार से, टोपी दे पहनाय | गुलछर्रे के वास्ते, लेते टूर बनाय | लेते टूर बनाय, काण्ड कांडा से करते | चूना रहे लगाय, नहीं ईश्वर से डरते | सात हजारी थाल, करोड़ों यात्रा भत्ता | मौज करें अलमस्त, बाप की प्यारी सत्ता ||
वैसे तो हम भारतीयों के पास और भी खांटी तरीके हैं. कुछ हैंः सड़कों पर, सार्वजनिक स्थलों पर पान खाकर थूक कर, सड़कों पर बेतरतीब वाहन चालन कर, रेलवे ट्रैक के किनारे फारिग होकर, नदियों तालाबों में प्लास्टर आफ पेरिस के गणेश और फूलमालाओं का विसर्जन कर...
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शीश घुटाले प्यार से, टोपी दे पहनाय |
गुलछर्रे के वास्ते, लेते टूर बनाय |
लेते टूर बनाय, काण्ड कांडा से करते |
चूना रहे लगाय, नहीं ईश्वर से डरते |
सात हजारी थाल, करोड़ों यात्रा भत्ता |
मौज करें अलमस्त, बाप की प्यारी सत्ता ||
१०० और तरीके हैं।
वैसे तो हम भारतीयों के पास और भी खांटी तरीके हैं. कुछ हैंः
सड़कों पर, सार्वजनिक स्थलों पर पान खाकर थूक कर,
सड़कों पर बेतरतीब वाहन चालन कर,
रेलवे ट्रैक के किनारे फारिग होकर,
नदियों तालाबों में प्लास्टर आफ पेरिस के गणेश और फूलमालाओं का विसर्जन कर...
इत्यदि इत्यादि. कहाँ तक गिनवातें फिरें?
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