जय हो, बस यही सुनना शेष था।
कंजन कलस सुरा रहे सो तो कंज न होए । सुरा कलस कंजन रहे कंज कहे ना कोए ।। भावार्थ : -- यदि अमृत के कलश में मदिरा रहे तो वह अमृत नहीं कहलाता । और यदि मदिरा के पात्र में अमृत रहे तो वह भी अमृत नहीं कहलाता ॥
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जय हो, बस यही सुनना शेष था।
कंजन कलस सुरा रहे सो तो कंज न होए ।
सुरा कलस कंजन रहे कंज कहे ना कोए ।।
भावार्थ : -- यदि अमृत के कलश में मदिरा रहे तो वह अमृत नहीं
कहलाता । और यदि मदिरा के पात्र में अमृत रहे तो वह भी अमृत
नहीं कहलाता ॥
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