Breaking news!!
किसी न किसी को बतानी ही होगी।
दो देस के दौ बटेउ कैसे बखत गवाएँ । आधे पहर भेष भरे शेष बाहिँ सम्हाए ॥ भावार्थ : -- दो देश के दो जमाई, किस प्रकार से समय निरादर कर रहें हैं । आधा पहर इन्हें अपनी वेष-भूषा वरण करने में लग रहा है, आधा उसको सम्हाने में ॥
Post a Comment
3 comments:
Breaking news!!
किसी न किसी को बतानी ही होगी।
दो देस के दौ बटेउ कैसे बखत गवाएँ ।
आधे पहर भेष भरे शेष बाहिँ सम्हाए ॥
भावार्थ : -- दो देश के दो जमाई, किस प्रकार से समय निरादर कर रहें हैं ।
आधा पहर इन्हें अपनी वेष-भूषा वरण करने में लग रहा है, आधा उसको
सम्हाने में ॥
Post a Comment