दीमक मजदूरी करे, चाट चाट अविराम |रानी महलों में फिरे, करे क़ुबूल सलाम |करे क़ुबूल सलाम, कोयला काला खलता |बचती फिर भी राख, लाल होकर जो जलता |लेकिन रानी तेज, और वह पूरा अहमक |करवा लेती काम, फाइलें चाटे दीमक ||
यह निश्चित करने के लिये कमेटी बैठायी जाये।
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दीमक मजदूरी करे, चाट चाट अविराम |
रानी महलों में फिरे, करे क़ुबूल सलाम |
करे क़ुबूल सलाम, कोयला काला खलता |
बचती फिर भी राख, लाल होकर जो जलता |
लेकिन रानी तेज, और वह पूरा अहमक |
करवा लेती काम, फाइलें चाटे दीमक ||
यह निश्चित करने के लिये कमेटी बैठायी जाये।
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