जिस दिन मेरे सम्पादकजी जी ने मुझे नेनो कार पर कार्टून बनाने के लिए आधे पेज कि जगह दी थी उस दिन पता नही था कि ये कार्टून इस हद तक लोकप्रिय हो जायेंगे, क्योंकि कार्टून बनने के लिए मुझे बहुत ही कम समय मिला था। मुझे ४ बजे से सात बजे के बीच ही १२ कार्टून के आईडिया निकालने थे, उन्हें अप्रूव करवाना था उन्हें फिनिश कर कंप्यूटर पर कलर करना था, और मैंने किया भी। वैसे मुझे और अधिक समय मिलता तो और भी बेहतरीन कार्टून बन सकते थे। मेरे ये कार्टून इंटरनेट पर मेल के जरिये न जाने कहाँ कहाँ घूम रहे हैं इसका तो मुझे अंदाजा नही है लेकिन कुछ खास जगहों पर मेरे ये कार्टून बाइज्जत पाए गए जिन्हें आपके साथ बांटना चाहता हूँ।
साथ में कुछ टिप्पणियाँ भी हैं
अभी अभी पता चला हे कि हम अजित जी कि मोहल्ला पर भी हैं
वेब दुनिया
भड़ास
आईना
PD said... अच्छे कार्टून थे.. लगता है की फारवार्ड किये जाने वाले इ-मेलों में ये अभी सबसे हिट जा रहा है.. मेरे लगभग सभी मित्रों को कहीं ना कहीं से ये मिल चुका है.. :)
Shiv Kumar Mishra said... यशवंत भाई, किर्तीश भट्ट जी ने बनाए हैं ये कार्टून्स...बामुलाहिजा के नाम से उनका अपना ब्लॉग है.
अंकित माथुर said... मिश्रा जी कलाकार से परिचित करवानेके लिये धन्यवाद, वाकई कीर्तीश भट्ट जी नेज़बर्दस्त कार्य किया है।सलाम क्रियेटिविटी!!अंकित...
भड़ास
आईना
((सही है। जहां न पहुंचे रवि, वहां पहुंचे कलाकार और कवि। कलाकार की कल्पना के इतने प्यारे शेड्स। देखिए, आपको भी बिना मुस्कराए नहीं रह सकते। अपने बुजुर्ग भड़ासी (उम्र में नहीं, भड़ास की सदस्यता के लिहाज से) और बहुमुखी प्रतिभा के धनी अंकित माथुर को उनके किसी बंगलोर वाले मित्र ने ये कार्टून मेल किया था। उन्हें मजा आया और भड़ासियों को पढ़ाना चाहा और पढ़ाया भी पर उसमें एक झमेला यह था कि ये कार्टून इतने छोटे छोटे दिख रहे थे कि बिना क्लिक किए और बिना इनलार्ज किए इसका आनंद उठा पाना नामुमकिन था। सो, आज इसे बड़े साइज में डाल रहा हूं ताकि आप लोग भी मजे लें। और मेरी निजी राय है कि ये जो कार्टून हैं, वो नैनो पर अब तक की सर्वश्रेष्ठ अभिव्यक्ति है। अंकित को भी नहीं पता कि किस कलाकार ने इतनी कल्पनाशीलता और चुटीले अंदाज में ये सब रचा पर जो भी हों, उन्हें हम लोगों की तरफ से दिली बधाई। अगर अंकित कलाकार का नाम पता कर सकें तो उन्हें हम लोग विश कर सकें। --जय भड़ास, यशवंत))---------सारी, आप लोगों को इस लाजवाब कार्टून को देखने के लिए इस पर क्लिक करना होगा। यह बड़े साइज में पोस्ट किए जाने के बावजूद छोटा दिख रहा है क्योंकि दरअसल ढेर सारे कार्टून को मिलाकर एक जेपीजी तस्वीर तैयार कर दी गई है और उसे लार्ज साइज में पोस्ट करने पर भी बेहद छोटा, रिड्यूस्ड शेप में दिख रहा है। मेरे खयाल से एक जोरदार मुस्कान के लिए आप उपरोक्त कार्टून पर क्लिक जरूर करेंगे।
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मोहल्ला
नैनो से घूंघट उठे कई दिन हो गये। टेलीविज़न के लखटकिया पत्रकार रवीश कुमार ने इसकी ज़ोरदार वकालत भी कर दी। इस बीच हमारे एक दफ्तरी दोस्त दुर्गानाथ स्वर्णकार ने कुछ स्केचेज़ भेजे, जो नैनो के आने के बाद भारत की तस्वीर क्या हो सकती है, उसकी कहानी कह रहे हैं।
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rajivtaneja said...
ये कार्टून कीर्तिश जी जो बामुलाहिज़ा के नाम से ब्लॉग चलाते हैँ ...उनहोंने बनाए हैँ। कल के हिन्दुस्तान अखबार में आखिरी पेज पर छपे हैँ।अखबार ने भी बिना उनसे पूछे नैट से लेकर सीधे सीधे ही छाप दिए हैँ। मैँने स्कैन करके अखबार की एक फोटो कॉपी भी उन्हें भेज दी है....
ये कार्टून कीर्तिश जी जो बामुलाहिज़ा के नाम से ब्लॉग चलाते हैँ ...उनहोंने बनाए हैँ। कल के हिन्दुस्तान अखबार में आखिरी पेज पर छपे हैँ।अखबार ने भी बिना उनसे पूछे नैट से लेकर सीधे सीधे ही छाप दिए हैँ। मैँने स्कैन करके अखबार की एक फोटो कॉपी भी उन्हें भेज दी है....
संदीप पाण्डेय said...
जो भी हो कार्टून्स की थीम बहुत दमदार है। हिन्दुस्तान से भी पहले ये कार्टून नईदुनिया या भास्कर में आ चुके हैं. नैनो को एक दम नयी नजर से देखा है कार्टूनिस्ट ने. नैनो टाटा का नया हथियार है आम लोगों की unfulfilled desires को पूरा कराने के बहाने उनकी पैंट उतारने की. जनता पेट्रोल वाला कार्टून यही तो बताता है.
जो भी हो कार्टून्स की थीम बहुत दमदार है। हिन्दुस्तान से भी पहले ये कार्टून नईदुनिया या भास्कर में आ चुके हैं. नैनो को एक दम नयी नजर से देखा है कार्टूनिस्ट ने. नैनो टाटा का नया हथियार है आम लोगों की unfulfilled desires को पूरा कराने के बहाने उनकी पैंट उतारने की. जनता पेट्रोल वाला कार्टून यही तो बताता है.
PD said... अच्छे कार्टून थे.. लगता है की फारवार्ड किये जाने वाले इ-मेलों में ये अभी सबसे हिट जा रहा है.. मेरे लगभग सभी मित्रों को कहीं ना कहीं से ये मिल चुका है.. :)
Shiv Kumar Mishra said... यशवंत भाई, किर्तीश भट्ट जी ने बनाए हैं ये कार्टून्स...बामुलाहिजा के नाम से उनका अपना ब्लॉग है.
अंकित माथुर said... मिश्रा जी कलाकार से परिचित करवानेके लिये धन्यवाद, वाकई कीर्तीश भट्ट जी नेज़बर्दस्त कार्य किया है।सलाम क्रियेटिविटी!!अंकित...
mehhekk
hey these r great specialy car पार्किंग
कीर्तीश जी इसके लिये बधाई के पात्र हैं, हम मालवा के लोग आजकल “नईदुनिया” में इनके कार्टूनों का लुत्फ़ ले रहे हैं, वाकई में बहुत बढ़िया…
kakesh
अरे ये तो कीर्तिश जी कै हैं जो उन्होने http://bamulahija.blogspot.com/2008/01/blog-post_11.html पर छापे थे।
hamare paas bhi aapahunchi ye mail
बढ़िया !घुघूती बासूती
क्या बात है?
बढ़िया ! अब देखिये नैनो क्या-क्या गुल खिलाती है
अच्छा संग्रह है। मज़ा आ गया !
वाह वाह, मज्जा आई गवा
सही है, शानदार कार्टून है।
Simply Great॥ wah.. oh oh..
बहुत बढ़िया भाई आनंद आ गया बहुत मजेदार ही
राजीव जैन Rajeev Jain said...
बहुत खूब सोचा आपने
बहुत खूब सोचा आपने
mamta said...
अब ये दिन दूर नहीं। :)
अब ये दिन दूर नहीं। :)
Srijan Shilpi said...
गज़ब ! कमाल के कार्टून ....
गज़ब ! कमाल के कार्टून ....
संजय बेंगाणी said...
वाह वाह बहुत ही मजेदार।
वाह वाह बहुत ही मजेदार।
नितिन व्यास said...
बहुत बढ़िया
बहुत बढ़िया
Sanjeet Tripathi said...
वाकई शानदार!!मान गए आपको!!
वाकई शानदार!!मान गए आपको!!
Shiv Kumar Mishra said...
अद्भुत 'कार-टून'.....अजीत भाई से पूछने पर शायद पता चले कि 'कार-टूनिष्ट' शब्द की उत्पत्ति के पीछे क्या कारण थे......:-)
अद्भुत 'कार-टून'.....अजीत भाई से पूछने पर शायद पता चले कि 'कार-टूनिष्ट' शब्द की उत्पत्ति के पीछे क्या कारण थे......:-)
Raviratlami said...
बहुत बढ़िया। आप अपनी पोस्टों के शीर्षक भी इसी तरह दिया करें तो बेहतर होगा. आमतौर पर आज का कार्टून या सप्ताह का कार्टून जैसे शीर्षकों से उत्कंठा नहीं बढ़ पाती है.
बहुत बढ़िया। आप अपनी पोस्टों के शीर्षक भी इसी तरह दिया करें तो बेहतर होगा. आमतौर पर आज का कार्टून या सप्ताह का कार्टून जैसे शीर्षकों से उत्कंठा नहीं बढ़ पाती है.
Gyandutt Pandey said...
बहुत लाजवाब हैं ये सभी कार-टून।
बहुत लाजवाब हैं ये सभी कार-टून।
ALOK PURANIK said...
झक्कास।
झक्कास।
rajivtaneja said...
वाह जनाब!...कार को भी आपने टून में बदल डाला ....
वाह जनाब!...कार को भी आपने टून में बदल डाला ....
सागर नाहर said...
आज तो मुस्कुराहट के बजाय़ जोर से हंसी आ गई॥ मजा आ गया। मैं भी सोच रहा हूँ एकाद ले ही लूं.. अपनी साईकिल के बदले में।
आज तो मुस्कुराहट के बजाय़ जोर से हंसी आ गई॥ मजा आ गया। मैं भी सोच रहा हूँ एकाद ले ही लूं.. अपनी साईकिल के बदले में।
TallyHelper said...
जब इतनी सारी कार सड़क पर आ जायेगी तो सब कार टून्स हो जायेगे।
जब इतनी सारी कार सड़क पर आ जायेगी तो सब कार टून्स हो जायेगे।
Shuaib said...
SABSE BADHIYA 1) "BHAGVAN KE NAM PER"2) "TRAFFIC JAM ! NO PROBLEM"3) "LATE AANE KA BAHANA"BAKI SABHI ACHE हैं
SABSE BADHIYA 1) "BHAGVAN KE NAM PER"2) "TRAFFIC JAM ! NO PROBLEM"3) "LATE AANE KA BAHANA"BAKI SABHI ACHE हैं
Tarun said...
kirtish bhai, aapka to pata hi aaj chala, saath hi ye bhi pata chala ki ye aapke banaye cartoon hain jo humne apne blog me post kiye thai. Bahut hi majedaar hai. Ab cartoonist ka pata chal gaya hai to aapka naam credit me laga diya jaayega.Ek baar phir bahut khoob, waise aapk cartoon ke corner me koi signature kyon nahi karte, pehchaan bani rehti hai.
kirtish bhai, aapka to pata hi aaj chala, saath hi ye bhi pata chala ki ye aapke banaye cartoon hain jo humne apne blog me post kiye thai. Bahut hi majedaar hai. Ab cartoonist ka pata chal gaya hai to aapka naam credit me laga diya jaayega.Ek baar phir bahut khoob, waise aapk cartoon ke corner me koi signature kyon nahi karte, pehchaan bani rehti hai.
13 comments:
तो आप हैं इन कार्टून के जन्मदाता। मैं मुंबई में नेटवर्क 18 में काम करता हूं। मेरे पूरे आफिस में कल आपके ही कार्टून का जलवा था। बधाई हो
मेरा सलाम आपको..
जमाये रहिये।
गलत हैं जो कहते हैं कि नाम बोलता है
सच तो ये है कि काम बोलता है
आपके नैनो के कार्टूनों से तो पहले मिल चुका हूं। आपसे अब मिल रहा हूं। नैनो से न जाने कब मिलूंगा। सारे असरदार हैं पर फिर भी कार्टूनों के सरदार हैं। नई दुनिया में बना रहे हो और पुरानी दुनिया को दिखा रहे हो। अच्छा बना दिखा रहे हो। सबको भा रहे हैं, लुभा रहे हैं। नैनो कम यह ज्यादा पसंद आ रहे हैं। अपनी मेल पहचान दीजिएगा। मेरी avinashvachaspati@gmail.com है।
मैं रतन टाटा से पुरजोर सिफारिश करता हूं कि एक नैनो कार आपको अवश्य प्रदान करें। जितना ओपिनंग करके वे पब्लिसिटी नहीं पा सके, उससे अधिक तो आपके कार्टून प्रचार कर रहे हैं। वे न जाने कितने करोड़ खर्च कर देते हैं इस मद में। एक कार हमारे कीर्तिश भट्ट को अवश्य मिलनी चाहिए।
जो ब्लॉग बंधु इस प्रस्ताव का समर्थन करते हों, वे हाथ उठाएं। हाथ उठाकर समर्थन में फिर से जोरदार टिप्पणियां चटकायें क्योंकि आप ऑफिस में या घर में हाथ उठायेंगे भी तो किसी को नजर नहीं आयेंगे। कार्टूनकारों की बात निराली है, वे तो कार्टून में हाथ उठा ही देंगे।
इसलिए समर्थन में टिप्पणी देने में कंजूसी न करें।
आपके इन कार-टून्स की तारीफ तो अपन ने उसी दिन कर दी थी, अरे क्या बताएं भैया, अभी तक पांच मित्र ई मेल्स पर इन कार-टून्स को भेज चुके हैं सबको रिप्लाई में आपका परिचय ब्लॉग लिंक भेजे जा रहे हैं
बॉस हम तो आपके मुरीद है
अविनाशजी की बात में दम है
आपको तो नैनो मिलनी ही चाहिए वो भी खुद रतन टाटा भेंट करें।
वैसे अपन ने आप पर एक ब्लॉग लिखा है, हो सकता है आपकी नजर पड गई हो।
http://blogkhabaria.blogspot.com/2008/01/blog-post_17.html
जी.. अपना हाल भी संजीत जी की तरह ही है.. अब तक ना जाने कितनो को आपका लिंक दे चुका हूं.. :)
आप से सम्पर्क ही करना था, अच्छा हुआ आपने यह पोस्ट लिखी. दरअसल आपके कार्टून मेल-फॉर्वार्ड में खूब चले तब मन में आया की कोई नहीं जानता किसने बनाया है, काश आपने अपने हस्ताक्षर किये होते. आगे से ध्यान रखें.
शुभकामनाएं.
भाई आप तो छा गये.. आपको तो रतन टाटा को धन्यवाद देना चाहिये कि आपको इतने शानदार कार्टून बनाने की प्रेरणा दी। :)
वैसे अविनाश भाई की बात का मैं भी समर्थन करता हूँ।
अविनाश वाचस्पति जी की बात को मेरा भी समर्थन....
अपुन तो आपके नैनो कार्टून की कटिंग ट्रेन में दिल्ली से पानिपत अपने सभी दैनिक यात्रियों को दिखा रहे हैँ और सभी वाह-वाह कर रहे हैँ....
एक बार फिर से बधाई......
kirtish bhai, aapne banaye hi itne jabardast thai ki inhe super hit hona hi tha...humne bhi apni site me jab chaape thai tab email ki jariye woh cartoon mile thai. Phir aapka bhi pata chal gaya.
Avinash Vachaspati ki baat DAMDAAR hai.
नैनो कार से पहले आपके कार्टून ने दिल मोह लिया था. आज पहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ तो आपका परिचय भी जान लिया. एक नन्ही सी नैनो आपको भी मिले... इसके लिए हमारी शुभकामनाएँ .
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