हमको पड़ती देख कर मंहगाई की मार व्यंग्यचित्र निर्माण की तेज हो गयी धार तेज हो गयी धार कूंचियां करें शरारत पहले मंहगी करी बाद में दे दी राहत चंदन देखो प्यार से धोखा दे सरकार चुपके से गैराज में खड़ी रो रही कार
कार्टून को विधा का सम्मान आप जैसे दूरदर्शियों के कारण ही प्राप्त है। व्यंग्य को आपके कार्टून न केवल स्थापित करते हैं अपितु आपकी सोच से उसमे गहराई भी प्राप्त हैं..मैं आपको भारत के शीर्ष कार्टूनिष्टों में गिनता हूँ। नमन आपको...
आम आदमी के माथे पर उभरने जा रही चिंता की रेखाओं के बीच आपके ये रेखाचित्र मुस्कुराने का सामान उपलब्ध कर देते हैं और कुछ देर के लिये इंसान भूल जाता है कि आसपास क्या घट रहा है...और यदि ख़याल में आता भी है तो आपका कार्टून देखकर एक उम्मीद जगती है कि जल्द ही सब ठीक हो जाएगा.
वाह किर्तिश भाई , महंगाई बढ़ गई है, खैरियत है कार्टून स्याही से बनते हैं, पेट्रोल से नहीं. समय मिले तो मेरा ब्लॉग देखियेगा. अभी सिर्फ़ कैरीकैचर है, कार्टून बाद में.
22 comments:
आप तो फिर से छा गये हैं जी.. सारे एक से बढ कर एक..
इतने अच्छे कार्टून और एक साथ ढ़ेर सारे!
कमसे कम अच्छे कार्टूनों पर तो मंहगाई का असर नहीं हुआ!
वैसे इन्हें लॉकर्स में बन्द कर रखियेगा!:)
सही व्यंग्य.. नेनो कर वाली ही बात है इनमे भी
हमको पड़ती देख कर मंहगाई की मार
व्यंग्यचित्र निर्माण की तेज हो गयी धार
तेज हो गयी धार कूंचियां करें शरारत
पहले मंहगी करी बाद में दे दी राहत
चंदन देखो प्यार से धोखा दे सरकार
चुपके से गैराज में खड़ी रो रही कार
अरे! आप ने तो बौछार कर दी। वैसे ही जैसे कीमतों की हम पर हो रही है।
शान से तराशे है, मजेदार है सभी. करारे.
bahut khub bhai
waah...bahut khoob.
wah kya mast cartoon hai
बहुत खूब !!!!
मँहगाई से त्रसित जनों के चेहरों पर भी मुस्कान आ गयी |
एक से बढ़कर एक, वाह!!
बहुत खूब ...एक से बड़कर एक कार्टून हैं ...बधाई
बहुत शानदार. मुस्कराहट की गारंटी रहती है आपके यहाँ. मेरे ख्याल से ये प्रोफेशन ही पुण्य कमाने वाला है. खूब प्रगति हो आपकी.
कीर्तिश जी,
कार्टून को विधा का सम्मान आप जैसे दूरदर्शियों के कारण ही प्राप्त है। व्यंग्य को आपके कार्टून न केवल स्थापित करते हैं अपितु आपकी सोच से उसमे गहराई भी प्राप्त हैं..मैं आपको भारत के शीर्ष कार्टूनिष्टों में गिनता हूँ। नमन आपको...
***राजीव रंजन प्रसाद
आम आदमी के माथे पर उभरने जा रही चिंता की रेखाओं के बीच आपके ये रेखाचित्र मुस्कुराने का सामान उपलब्ध कर देते हैं और कुछ देर के लिये इंसान भूल जाता है कि आसपास क्या घट रहा है...और यदि ख़याल में आता भी है तो आपका कार्टून देखकर एक उम्मीद जगती है कि जल्द ही सब ठीक हो जाएगा.
पेट्रोल का कम
कार्टून का बढ़ा है दम
कद भी बढ़ा है
डीजल साइड में फैला है
देखो डिब्बी में गैस ले रहा है
अब पेट्रोल, डीजल, गैस के भी
एक एक रुपये के पाउच मिलने लगेंगे
भविष्य कार्टून का सुनहरा है
अर्थ इनका बहुत ही गहरा है
शानदार!
इतने सारे एक साथ और सारे के सारे जबरदस्त ।
समाज के हर पहलू को आपने दिखा दिया है।
Amazing cartoons..You are superb..
वाह किर्तिश भाई ,
महंगाई बढ़ गई है, खैरियत है कार्टून स्याही से बनते हैं, पेट्रोल से नहीं. समय मिले तो मेरा ब्लॉग देखियेगा. अभी सिर्फ़ कैरीकैचर है, कार्टून बाद में.
बिना तेल के आग लगा रहें हैं आपके कार्टून ....
bahut khub
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