पहले दलित फिर मुसलमान, और अब जाट हो गए हनुमान जी. कारों के पीछे चिपके नाराज़ हनुमान दरअसल इन्हीं नेताओं को घूर रहे हैं, जिन्होंने हनुमान की पहचान को संकट में डाल दिया है. लक्ष्मण के इलाज के लिए संजीवनी बूटी ले आने वाले हनुमान के पास भी, मुंहफट नेताओं का इलाज नहीं है. ये ना माने और ऐसा ही चलता रहा तो हनुमान जी की नई फ़ोटो मार्केट में आ जाएगी, जिसमें वो अपने हाथ में गदा और मंजीरे के साथ, जाति प्रमाणपत्र भी लिए दिखाई देंगे. मामला और बढ़ा तो ग्लोबल हो जाएगा, फिर एक दिन ट्रंप घोषणा कर देंगे कि ये आपके हनुमान हैं ही नहीं, ये हमारे सुपरमैन और हीमैन की तरह हनुमैन हैं. धर्म के नाम पर कमाकर खाने वाले हनुमान चालीसा के नए संस्करण भी ले आएंगे. जिसे देखो हनुमान को अपनी बिरादरी का बता रहा है. वैसे कमाल की बात है कि देश में ऐसे मनोरंजक माहौल में भी नसीरुद्दीन शाह को डर लग रहा है.
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